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पब्लिक तो है मस्त. …पुलिस में क्यूं खौफ जबर्दस्त, असामाजिक तत्वों के डर से पुलिस ने भगवान राम की शोभायात्रा का किया रूट चेंज, हाईवे पर रामबारात को काफी तेजी से निकाला, नगरवासियों में रामबारात न देख पाने की पहली बार दिखी निराशा, आखिर पुलिस प्रशासन में इस खौफ के पीछे मसला क्या है ❓ पूरी खबर जरूर पढ़ें


मुकेश वशिष्ठ – एडिटर-इन-चीफ–


बिसौली। ऐसा लगता है जैसे कोतवाली पुलिस खुरापातियों को लेकर संजीदा होने की जगह दहशत में नजर आ रही है। इसका जीता जागता प्रमाण सोमवार देर शाम जनता रामलीला कमेटी की ओर से हर साल की तरह निकाली गई भगवान राम की शोभायात्रा का निर्धारित मार्ग बदलना रहा। उक्त रामबारात को लेकर जहां एडीएम वैभव, एसपी देहात केके सरोज की नगर में मौजूदगी नजर आई वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा शोभायात्रा को निर्धारित रूट मोहल्ला सराय, कटरा आदि समेत कई मार्गों से होकर नहीं गुजरने दिया गया। इसके पीछे का कारण पुलिसकर्मी दबी जुबान बीते दिनों दो घटनाओं को बता रहे हैं।

यहां बता दें कि तीन दिनों में खुराफाती तत्वों ने एक के बाद एक दो घटनाओं को अंजाम दे डाला जिससे कोतवाली पुलिस की खासी फजीयत हुई। शनिवार को असामाजिक तत्वों ने काशीराम कालोनी स्थित एक धार्मिक स्थल में घुसकर धार्मिक ग्रंथ जला दिया था। इसके बाद सम्प्रदाय विशेष के सैंकड़ों लोग सड़कों पर आ गए। सूचना पर एसपी देहात केके सरोज, एसडीएम राशि कृष्णा सहित पुलिस व प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया। कोतवाल ब्रजेश कुमार सिंह ने आरोपियों को 24 घंटे में दबोचने का आश्वासन देकर जैसे तैसे आक्रोश शान्त कराया।

इधर सोमवार को जनता रामलीला कमेटी की भगवान राम की शोभायात्रा केे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम को देख कोतवाल साहब की जैसे सांसें ऊपर नीचे होने लगीं। खुरापाती तत्वों से खौफ में आए इंस्पेक्टर साहेब ने आनन फानन में कमेटी प्रबंधन को दबाव में लेकर शोभायात्रा का रूट ही बदलवा दिया। जहां हर साल शोभायात्रा मोहल्ला सराय, कटरा मोहल्ला होकर गुजरती थी इस बार यहां से नहीं निकालने दी गई। काफी संख्या में नगरवासी अपने इष्ट प्रभु रामजी की बारात का ठीक से स्वागत भी न कर पाए। यही नहीं मनमानी पर उतारू कोतवाल साहब ने हाइवे पर धूमधाम से निकल रही शोभायात्रा को रामलीला स्थल तक रुकने ही नहीं दिया। जिससे मोहल्ला गदरपुरा और सराय के तमाम महिला, पुरुष और बच्चों के चेहरों पर निराशा फैल गई।
सवाल यह उठता है कि आखिर कोतवाली पुलिस खुरापातियों से इतना भयभीत क्यों नजर आ रही है। क्या इंस्पेक्टर साहेब इतना मनोबल खो चुके हैं कि भारी पुलिसबल होने के बावजूद असामाजिक तत्वों का सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
शोभायात्रा के रूट डायवर्ट करने के मामले की नगर में काफी चर्चा है।


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