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मोदी मैजिक समूचे विश्व पर हावी…. विश्वगुरु बन चुके भारत पर है वैश्विक शांति की चाबी…. मोदी-पुतिन-ट्रंप के भ्रमजाल में है पूरी दुनिया

पूरी दुनिया मोदी-पुतिन-ट्रंप के भ्रमजाल में…. टैरिफ तो एक बहाना है हम अलग-अलग हैं.. दुनिया को जताना है….मोदी मैजिक विश्व पर हावी… विश्वगुरु भारत पर है वैश्विक शांति की चाबी

पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश वशिष्ठ का Exclusive लेख सिर्फ 🌹 नव अमर भारत 🌹 पर

यूं तो सारी दुनिया इस वक्त ट्रंप टैरिफ और गाजा-यूक्रेन युद्ध को लेकर संशय की स्थिति में नजर आ रही है लेकिन सच तो शायद ही कोई जानता हो!
तो जनाब सच से रूबरू हम कराएंगे आपको जो बीते कई सालों से अब तक होने वाले वैश्विक घटनाक्रमों को लेकर होंगे। तो फिर शुरू करते हैं वर्तमान के परिदृश्य जो भारत, अमेरिका, रूस, चीन, यूरोपीय व अरब देशों को लेकर साक्ष्य प्रस्तुत करेंगे।
आप बीते दिनों ईरान पर इस्राइली-अमेरिकी हमलों से उपजे युद्ध को शायद भूले नहीं होंगे। उस वक्त ऐसा महसूस हो रहा था जैसे अब ईरान का अस्तित्व ही खतरे में है। तुर्की, पाकिस्तान सहित तमाम अरब देशों ने उक्त हमलों का विरोध किया लेकिन अमेरिका के आगे सब कुछ बौना साबित हुआ। रूस और चीन ने ईरान पर सैन्य कार्रवाई का विरोध तो किया लेकिन सीमित मात्रा में। पाकिस्तान ने परमाणु हमले जैसी चेतावनी इस्राइल को दी और बाद में जनरल मुनीर ट्रंप की गोद में जा बैठा। ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे की World डिप्लोमेसी को समझ पाना शायद किसी के बस में नहीं। फिर भी हम आपको पीछे के घटनाक्रम को लेकर बताएंगे कि कैसे मोदी, पुतिन और ट्रंप ने एक होकर समूचे विश्व को अलग अलग होकर आश्चर्यचकित कर दिया। यूक्रेन को अमेरिकी सहायता यूरोपीय व नाटो देशों को सिर्फ सांत्वना देने जैसी है। जबकि सच तो यह है कि ट्रंप और पुतिन मिलकर यूक्रेन पर कब्जा करने की डील पर कथित रूप से हस्ताक्षर कर चुके हैं। इस योजना में भारत और चीन भी पुतिन के साथ हैं।
आप चौंक रहे होंगे कि भारत क्यों साथ है। तो इसके पीछे की वजह खुद यूक्रेन है जिसने बीते कई दशकों से न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं बल्कि हथियार आपूर्ति में भी पाकिस्तान का हमेशा साथ दिया। ऐसे में भारत ने भी उक्त युद्ध में यूक्रेन को समर्थन नहीं दिया। वैसे भी रूस भारत का एकमात्र अभिन्न मित्र हैं।
आपको अवगत कराते चलें कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन थे। इससे पहले जब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव जीते तब विरोधियों ने उनकी जीत में रूसी एजेंसी व पुतिन का सहयोग बताकर हंगामा किया।
सच तो यही है कि ट्रंप और पुतिन का पुराना याराना है जो अब मोदी मैजिक से अभिमंत्रित हो चुका है।
अब आप सोच रहे होंगे कि यदि ऐसा ही होता तो ट्रंप अपने दोस्त मोदी के भारत पर 50 फीसदी टैरिफ क्यों लगाते। बस यही तो ऐसा पेंच है जिसने चीन यानि जिनपिंग जैसे खतरनाक मोहरे को भी सांप-छुछुंदर जैसी स्थिति में डाल दिया है।
बाकी की वैश्विक जानकारी आगे …..

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मुकेश वशिष्ठ

नव अमर भारत न्यूज में आपका स्वागत है🙏🏻 देश विदेश के समाचार - संपादक लेख पढ़ने के लिए पेश है आपका अपना न्यूज वेबसाइट धन्यवाद मुकेश वशिष्ठ

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