रसूल ने दिया मोहब्बत का पैगाम. ….खुराफातियों ने खोली “नफरत की दुकान”, जुलूस-ए-मोहम्मदी में शिया समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी का वीडियो वायरल, पुलिस ने पांच आरोपियों का शांति भंग की धाराओं में किया चालान, आखिर कौन है इस्लाम को बदनाम करने का जिम्मेदार ? पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें 👇👇
एडिटर-इन-चीफ– मुकेश वशिष्ठ
बिसौली में रसूल की यौमे पैदाइश पर धूमधाम से निकाले गये जुलूस-ए-मोहम्मदी में कथित रूप से एक मौलाना की शह पर शिया समुदाय के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी की वायरल वीडियो ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। शिया समुदाय के लोगों की तहरीर पर पुलिस ने पांच आरोपियों को आनन फानन में गिरफ्तार कर शांति भंग की धाराओं में चालान कर दिया। गिरफ्तार आरोपियों में एक युवक समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेताजी का पुत्र बताया जा रहा है।
मामले को लेकर जहां एक ओर शिया समुदाय के लोगों में रोष व्याप्त है वहीं अधिकतर सुन्नी समुदाय के लोग भी उक्त नारेबाजी को गलत ठहरा रहे हैं।
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मामले का सूत्रधार है विवादित इमाम
सूत्रों की मानें तो उक्त हरकत एक प्रसिद्ध मस्जिद के इमाम की शह पर की गई। बताते हैं कि उक्त इमाम पहले से विवादों में घिरा रहा है। बाहर के रहने वाले उक्त मौलाना पर पूर्व में भी ऐसी हरकतों से समाज में कटुता फैलाने के आरोप लगे हैं। लोगों का कहना है कि उक्त मौलाना पर भी कार्रवाई होना चाहिए।
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आस्तीन के सांपों से ही बदनाम हो रहा इस्लाम
सबसे अहम सवाल यह उठता है कि जिन पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब की यौमे पैदाइश पर जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जा रहा था उन्होंने तो दुनिया भर में मोहब्बत का पैगाम दिया था। लेकिन बिसौली में खुराफाती तत्वों ने जुलूस के माध्यम से नफरत की दुकान खोल डाली।
आखिर ऐसे लोग इस्लाम को मजबूती दे रहे हैं या अपने ही धर्म को बदनाम करने पर तुले हैं।
इस्लाम अन्य धर्मावलंबियों से खतरे में है या फिर ऐसे मुसलमानों से जो कट्टरपंथ की आड़ में नफरत फैलाने में जुटे हैँ।
यहां बता दें कि नगर में कई मदरसे ऐसे हैं जहां दीनी तालीम के नाम पर तथाकथित मौलाना मासूमों के भविष्य से खिलबाड़ कर रहे हैं। इन तथाकथित मदरसों में “दुनियावी तालीम” के नाम पर सिर्फ और सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।